जंजीर
जंजीरों में जकड़ा हूँ मैं खुद से ही आज लड़ा हूं मैं ख़ौफ़ज़दा नहीं पर फिर भी सहमा हूँ मैं सियासत खुद से कर गया हूँ मैं खुद से ही खफा हूँ मैं सोया नही अभी तो जगा हूं मैं धोखा खुद से कर गया हूँ मैं जंजीरो में जकड़ा हुं मैं अब तो जलजला लाना है जंजीरों को पिघलाना है हां जंजीरों मे आज जकड़ा हु मैं पर तुम क्या जानो आज कैसा भड़का हुं मैं हां जंजीरों में जकड़ा हुं में