एहसास

This is  about how a man expresses himself when he is on death bed:-

एक अदभुत सा वो एहसास था,जब सर पे माँ का हाथ था

पल भर के लिए जिंदगी में आया मेरे ठहराव था

चल लिया हूँ अब बहुत,थकावट का अब एहसास था

पिता की छुअन में गर्माहट का एहसास था

फिर भी अब दिल में थकावट का भाव था

रो लिया था अब बहुत,हंसी से छूटा नाता था

श्वासों की उड़ती शृंखला में जीवन का एहसास था

पर अद्भुत सा वो एहसास था जब सर पे माँ का हाथ था

पूरे जीवन में जो सुख न मिला,वो सिर पर आज मेरे था

हिल गया हूँ अपनी डगर से इसका न मुझे अंदाजा था

एक अद्भुत सा वो एहसास था जब सर पे माँ का हाथ था

मांग लिया था मैंने रब से दूसरा आज एक मौका था

चिढ़ता था वो भी मुझसे सर प मेरेे जो माँ का हाथ था

एक अदभुत सा वो एहसास था जब सर पे माँ का हाथ था

Abhi(the troubler)

Comments

  1. आपने माता पिता के एहसास को जो शब्दो मैं पिरोया है हमे अच्छा लगा।

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    1. thank you sahil singla!!
      am happy that you liked it!!! i hope you like my other works of mine tooo!!!
      have a great day!!!

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